मोटर यान अधिनियम १९८८
धारा १३० :
अनुज्ञप्ति और रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र पेश करने का कर्तव्य :
१)किसी सार्वजनिक स्थान में मोटर यान का ड्रासवर वर्दी पहने हुए किसी भी पुलिस अधिकारी द्वारा मांग की जाने पर अपनी अनुज्ञप्ति जांच के लिए पेश करेगा :
परंतु ड्राइवर, जहां उसकी अनुज्ञप्ति इस अधिनियम या किसी अन्य अधिनियम के अधीन किसी अधिकारी या प्राधिकारी को प्रस्तुत की गई है या उसके द्वारा अभिगृहीत की गई है, अनुज्ञप्ति के स्थान पर उसके बारे में ऐसे अधिकारी या प्राधिकारी द्वारा जारी की गई रसीद या अन्य अभिस्वीकृति पेश कर सकेगा और तत्पश्चात् ऐसी अवधि के भीतर अनुज्ञप्ति, ऐसी रीति से जो केंद्रीय सरकार विहित करे, मांग करने वाले पुलिस अधिकारी को पेश कर सकेगा ।
१.(२) किसी सार्वजनिक स्थान पर मोटर यान का कंडक्टर यदि कोई हो, इस निमित्त प्राधिकृत मोटर यान विभाग के अधिकारी द्वारा मांग किए जाने पर अनुज्ञप्ति जांच के लिए पेश करेगा । )
१.(३)( धारा ६० के अधीन रजिस्ट्रीकृत यान से भिन्न) मोटर यान का स्वामी अथवा उसकी अनुपस्थिति में यान ड्राइवर या अन्य भारसाधक व्यक्ति, रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी या मोटर यान विभाग के इस निमित्त सम्यक् रूप से प्राधिकृत किसी अन्य अधिकारी द्वारा मांग किए जाने पर, यान का बीमा प्रमाणपत्र पेश करेगा और जहां यान कोई परिवहन यान है वहां, धारा ५६ मे निर्दिष्ट ठीक हालत में होने का प्रमाणपत्र और परमिट भी पेश करेगा; और यदि कोई या सभी प्रमाणपत्र अथवा परमिट उसेक कब्जे में नहीं है तो वह मांग किए जाने की तारीख से पंद्रह दिन के भीतर उसकी सम्यक् रूप से अनुप्रमाणित फोटों प्रति, स्वयं प्रस्तुत करेगा या उस अधिकारी को जिसने उसकी मांग की है रजिस्ट्रीकृत डाक द्वारा भेजेगा ।
स्पष्टीकरण :
इस उपधारा के प्रयोजनों के लिए, बीमा प्रमाणपत्र से धारा १४७ की उपधारा (३) के अधीन जारी किया गया प्रमाणपत्र अभिप्रेत है ।)
४) यदि, यथास्थिति, उपधारा (२) में निर्दिष्ट अनुज्ञप्ति या उपधारा (३) में निर्दिष्ट प्रमाणपत्र या परमिट उस समय उस व्यक्ति के पास नहीं
है जिससे उसकी मांग की गई है तो उस दशा में इस धारा का पर्याप्त अनुपालन हो जाएगा जब ऐसा व्यक्ति ऐसी अनुज्ञप्ति या प्रमाणपत्र या परमिट को ऐसी अवधि के भीतर ऐसी रीति से जो केंद्रीय सरकार विहित करे, पुलिस अधिकारी या मांग करने वाले प्राधिकारी को पेश करता है :
परंतु इस उपधारा के उपबंध, किसी ऐसे व्यक्ति को, जिससे यह अपेक्षा की गई है कि वह परिवहन यान का रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र या उसके ठीक हालत में होने का प्रमाणपत्र पेश करे, उस विस्तार तक और ऐसे उपांतरण के सहित ही लागू होंगे जो विहित किए जाएं ।
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१.१९९४ के अधिनियम सं. ५४ की धारा ३९ द्वारा प्रतिस्थापित ।