मोटर यान अधिनियम १९८८
धारा ११४ :
यान तुलवाने की शक्ति :
१)१.(२.(यदि राज्य सरकार द्वारा इस निमित्त प्राधिकृत मोटर यान विभाग के किसी अधिकारी या किसी अन्य व्यक्ति के पास) यह विश्वास करने का कारण है कि किसी माल यान या ट्रेलर का उपयोग धारा ११३ का उल्लंघन करके किया जा रहा है तो वह ड्रासवर से यह अपेक्षा करेगा कि ) वह यान को तुलवाने के वास्ते ऐसे किसी तोलनयंत्र पर, यदि कोई हो, ले जाए जो किसी स्थान से आगे के मार्ग पर दस किलोमीटर की दूरी के अन्दर या यान के गन्तव्य स्थान से बीस किलोमीटर की दूरी के अन्दर हो, और यदि ऐसे तुलवाने पर यह पाया जाता है कि उस यान ने भार से संबंधित धारा ११३ के उपबंधों का किसी प्रकार उल्लंघन किया है तो वह ड्राइवर को लिखित आदेश द्वारा यह निदेश दे सकेगा कि वह अधिक वजन को अपनी जोखिम पर उतार दे और यान या ट्रेलर को उस स्थान से तब तक न हटाए जब तक लदान सहित भार कम नहीं कर दिया जाता या यान अथवा ट्रेलर की बाबत अन्यथा ऐसी कार्रवाई नहीं कर दी जाती जिससे वह धारा ११३ का अनुपालन करे और ऐसी सूचना प्राप्त होने पर ड्राइवर ऐसे निदेशों का पालन करेगा ।
२)जहां उपधारा (१) के अधीन प्राधिकृत व्यक्ति उक्त आदेश लिखित रूप में करता है वहां माल वाहन परमिट पर अधिक लदान से सुसंगत ब्यौरें भी पृष्ठांकित करेगा और ऐसे पृष्ठांकन का तथ्य उस प्राधिकारी को भी संसुचित करेगा जिसने वह परमिट दिया था ।
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१.१९९४ के अधिनियम सं. ५४ की धारा ३५ द्वारा प्रतिस्थापित ।
२.२०१९ का अधिनियम सं. ३२ की धारा ४१ द्वारा (यदि राज्य सरकार द्वारा इस निमित्त प्राधिकृत मोटर यान विभाग के किसी अधिकारी के पास) शब्दों के स्थान पर प्रतिस्थापित ।