मोटर यान अधिनियम १९८८
धारा १०७ :
राज्य सरकार की नियम बनाने की शक्ति :
१) राज्य सरकार इस अध्याय के उपबन्धों को कार्यान्वित करने के प्रयोजन के लिए नियम बना सकेगी ।
२)विशिष्टतया और पूर्वगामी शक्ति की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना, ऐसे नियम निम्नलिखित सभी बातों या उनमें से किसी के लिए उपबन्ध कर सकेंगे, अर्थात् :-
(a)क) वह प्ररूप जिसमें किसी स्कीम की बाबत कोई प्रस्थापना धारा ९९ के अधीन प्रकाशित की जा सकेगी ;
(b)ख) वह रीति जिसमें धारा १०० की उपधारा (१) के अधीन आक्षेप फाइल किए जा सकेंगे ;
(c)ग) वह रीति जिसमें धारा १०० की उपधारा (२) के अधीन आक्षेपों पर विचार और उनका निपटारा किया जा सकेगा;
(d)घ) वह प्ररूप जिसमें धारा १०० की उपधारा (३) के अधीन कोई अनुमोदित स्कीम प्रकाशित की जा सकेगी ;
(e)ड) वह रीति जिसमें धारा १०३ की उपधारा (१) के अधीन आवेदन किया जा सकेगा ;
(f)च) वह अवधि जिसके अन्दर किसी परिवहन यान में छुटी पाई गई किसी वस्तु का स्वामी, धारा १०६ के अधीन उसके लिए दावा कर सकेगा तथा उस वस्तु के विक्रय की रीति;
(g)छ) इस अध्याय के अधीन आदेशों की तामील की रीति;
(h)ञ) कोई अन्य बात जो विहित की जानी है या की जाए ।