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JJ act 2015 धारा ९५ : बालक का उसके निवास-स्थान को स्थानांतरण ।

किशोर न्याय अधिनियम २०१५
धारा ९५ :
बालक का उसके निवास-स्थान को स्थानांतरण ।
१) यदि जांच के दौरान यह पाया जाता है कि बालक अधिकारिता के बाहर के स्थान से है तो, यथास्थिति, बोर्ड या समिति सम्यक् जांच के पश्चात्, यदि उसका यह समाधान हो जाता है कि यह बालक के सर्वोत्तम हित में है और बालक के गृह जिले की समिति या बोर्ड के साथ सम्यक् परामर्श करके उक्त समिति या बोर्ड को सुसंगत दस्तावेजों के साथ और ऐसी प्रक्रिया का अनुसरण करते हुए, जैसी विहित की जाए, यथाशीघ्र बालक के स्थानांतरण का आदेश करेगा :
परन्तु ऐसा स्थानांतरण विधि का उल्लंघन करने वाले बालक की दशा में जांच पूरी होने और बार्ड द्वारा अंतिम आदेश पारित करने के पश्चात् ही किया जाएगा :
परन्तु यह और कि अंतरराज्यिक स्थानांतरण की दशा में बालक को यदि सुविधाजनक हो तो, यथास्थिति, बालक के गृह जिले की समिति या बोर्ड को या गृह राज्य की राजधानी नगर की समिति या बोर्ड को सौंपा जाएगा ।
२) स्थानांतरण के आदेश को अंतिम रुप दे दिए जाने पर, यथास्थिति, समिति या बोर्ड विशेष किशोर पुलिस एकक को ऐसा आदेश प्राप्त करने के पन्द्रह दिन के भीतर बालक की अनुरक्षा के लिए अनुरक्षा आदेश देगा :
परन्तु किसी बालिका के साथ महिला पुलिस अधिकारी होगी :
परन्तु यह और कि जहां कोई विशेष किशोर पुलिस एकक उपलब्ध नहीं है वहां, यथास्थिति, समिति या बोर्ड उस संस्था को, जहां बालक अस्थायी रुप से ठहरा हुआ है या जिला बालक संरक्षण एकक को यात्रा के दौरान बालक की अनुरक्षा के लिए निदेश देगा ।
३) राज्य सरकार बालक की अनुरक्षा के लिए कर्मचारिवृंद को यात्रा भत्ता उपलब्ध करने के लिए नियम बनाएगी,जिसका अग्रिम संदाय किया जाएगा ।
४) स्थानांतरित बालक को प्राप्त करने वाला, यथास्थिति, बोर्डया समिति प्रत्यावर्तन या पुनर्वास या समाज में पुन: मिलाने की इस अधिनियम में यथा उपबंधित प्रक्रिया को पूरा करेगी ।

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