Site icon Ajinkya Innovations

JJ act 2015 धारा ४० : देखरेख और संरक्षण की आवश्यकता वाले बालक का प्रत्यावर्तन ।

किशोर न्याय अधिनियम २०१५
धारा ४० :
देखरेख और संरक्षण की आवश्यकता वाले बालक का प्रत्यावर्तन ।
१) किसी बालक का प्रत्यावर्तन और संरक्षण, किसी भी बाल-गृह, विशिष्ट दत्तकग्रहण अभिकरण या खुले आश्रय का प्राथमिक उद्देश्य होगा ।
२) यथास्थिति, बाल-गृह, विशिष्ट दत्तकग्रहण अभिकरण या खुला आश्रय ऐसे उपाय करेगा जो किसी कौटुंबिक वातावरण से वंचित बालक की, जहां ऐसा बालक अस्थायी रुप से या स्थायी रुप से उनकी देखरेख और संरक्षण में है, प्रत्यावर्तन और संरक्षण के लिए आवश्यक समझे जाएं ।
३) समिति को, देखरेख और संरक्षण की आवश्यकता वाले किसी बालक को, यथास्थिति, उसके माता-पिता, संरक्षक या योग्य व्यक्ति को उस बालक की देखरेख करने की उपयुक्तता अवधारित करने के पश्चात्, उसके माता-पिता, संरक्षक या योग्य व्यक्ति को प्रत्यावर्तित करने की और उन्हे यथोचित देने की शक्ति होगी ।
स्पष्टीकरण :-
इस धारा के प्रयोजनों के लिए, किसी बालक का प्रत्यावर्तन और संरक्षण से –
क) माता-पिता;
ख) दत्तक माता-पिता;
ग) पोषक माता-पिता;
घ) संरक्षक ; या
ङ) योग्य व्यक्ति,
को प्रत्यावर्तन अभिप्रेत है ।
१.(४) समिति राज्य सरकार और जिला मजिस्ट्रेट को ऐसी रीति में जो विहित की जाए प्रत्यावर्तन, मृत्यु और भाग जाने के संबंध में तिमाही रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी ।)
——-
१. २०२१ के अधिनियम सं० २३ की धारा १३ द्वारा समाविष्ट करण्यात आले.

Exit mobile version