किशोर न्याय अधिनियम २०१५
धारा ९६ :
बालक का भारत के विभिन्न भागों में बाल गृहों या विशेष गृहों या उचित सुविधा तंत्रों या योग्य व्यक्तियों को स्थानांतरण ।
१) राज्य सरकार किसी भी समय, यथास्थिति, बोर्ड या समिति की सिफारिश पर, इस अधिनियम में अंतर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी और बालक के सर्वोत्तम हित को ध्यान में रखते हुए संबंधित समिति या बोर्ड को पूर्व सूचना के साथ, बालक को किसी बाल गृह या विशेष गृह या उचित सुविधा तंत्र या योग्य व्यक्ति से राज्य के भीतर किसी गृह या सुविधा तंत्र में स्थानांतरण का आदेश दे सकेगी :
परन्तु उसी जिले के भीतर वैसी ही गृह या सुविधा तंत्र या व्यक्ति के बीच बालक के स्थानांतरण के लिए उक्त जिले की यथास्थिति समिति या बोर्ड ऐसा आदेश जारी करने के लिए सक्षम होगा ।
२) यदि राज्य सरकार द्वारा स्थानांतरण का आदेश राज्य से बाहर की किसी संस्था को किया जाता है तो ऐसा संबंधित राज्य सरकार के परामर्श से ही किया जाएगा ।
३) बालक की ऐसे बाल गृह या विशेष गृह में ठहरने की कुल अवधि को ऐसे स्थानांतरण से बढाया नहीं जाएगा ।
४) उपधारा (१) और उपधारा (२) के अधीन पारित आदेश, उस क्षेत्र की यथास्थिति, समिति या बोर्ड के लिए प्रवर्तित किए गए समझे जाएंगे, जिसमें बालक को भेजा जाता है ।