किशोर न्याय अधिनियम २०१५
धारा ४४ :
पोषण देखरेख ।
१) देखरेख और संरक्षण की आवश्यकता वाले बालकों को पोषण देखरेख में, जिसके अंतर्गत समिति के आदेशों के माध्यम से उनकी देखरेख और संरक्षण के लिए सामूहिक पोषण देखरेख भी है, ऐसी प्रक्रिया का अनुसरण करके जो इस संबंध में विहित की जाए, किसी ऐसे कुटुंब में, जिसके अंतर्गत बालक के जैव या दत्तक माता-पिता नहीं है या राज्य सरकार द्वारा इस प्रयोजन के लिए उपयुक्त होने के रुप में मान्यताप्राप्त किसी असंबद्ध कुटुंब में, अल्पावधि या बढाई गई अवधि के लिए रखा जा सकेगा ।
२) पोषक कुटुंब का चयन, कुटुंब की योग्यता, आशय, क्षमता और बालकों की देखरेख करने के पूर्व अनुभव के आधार पर होगा ।
३) सहोदरों को पोषक कुटुंबों में तब तक एक साथ रखने का प्रयास किया जाएगा, जब तक उन्हे एक साथ रखना उनके सर्वोत्तम हित में हो ।
४) राज्य सरकार, बालकों का कल्याण सुनिश्चित करने के लिए, निरीक्षण की ऐसी प्रक्रिया का अनुसरण करने के पश्चात्, जो विहित की जाए, जिला बाल संरक्षण एकक के माध्यम से ऐसी पोषण देखरेख के लिए बालकों की संख्या को ध्यान में रखकर मासिक वित्त पोषण प्रदान करेगी ।
५) उन दशाओं में, जहां बालक इस कारण से पोषण देखरेख में रखे गए है कि उनके माता-पित बालक की देखरेख करने के लिए समिति द्वारा अयोग्य या असमर्थ पाये गये है, वहां बालक के माता-पिता नियमित अंतरालों पर पोषक कुटुंब में बालक से तब तक मिल सकेंगे जब तक समिति, उसके लिए लेखबद्ध किए जाने वाले कारणों से यह अनुभव न करे कि ऐसे मिलना बालक के सर्वोत्तम हित में नहीं है; और समिति द्वारा एक बार माता-पिता को बालक की देखरेख करने के योग्य अवधारित करने पर अंतत: बालक माता-पिता के घर वापस जा सकेगा ।
६) पोषक कुटुंब, बालक को शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण प्रदान करने के लिए उत्तरदायी होगा और वह बालक का ऐसी रीति में समग्र कल्याण सुनिश्चित करेगा जो विहित की जाए ।
७) राज्य सरकार, ऐसी प्रक्रिया, मानदंड और रीति को, जिसमें बालक को पोषण देखरेख सेवाएं प्रदान की जाएंगी, परिभाषित करने के प्रयोजन के लिए नियम बना सकेगी ।
८) समिति द्वारा बालक के कल्याण की जांच करने के लिए ऐसे प्ररुप में, जो विहित किया जाए, प्रत्येक मास पोषक कुटुंबो का निरीक्षण किया जाएगा और जब कभी किसी पोषक कुटुंब द्वारा बालक की देखरेख करने में कमी पाई जाती है तो बालक को उस पोषक कुटुंब से हटा दिया जाएगा और किसी दूसरे ऐसे पोषक कुटुंब में भेज दिया जाएगा जो समिति उचित समझे ।
९) ऐसे किसी बालक को, जिसे समिति द्वारा दत्तक ग्रहण योग्य पाया जाता है, दीर्घकालीन पोषण देखरेख के लिए नहीं दिया जाएगा ।