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IT Act 2000 धारा ६८ : नियंत्रक की निदेश देने की शक्ति :

सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम २०००
धारा ६८ :
नियंत्रक की निदेश देने की शक्ति :
१)नियंत्रक,आदेश द्वारा, प्रमाणकर्ता प्राधिकारी या ऐसे प्राधिकारी के किसी कर्मचारी को आदेश में विनिर्दिष्ट उपाय करने या ऐसे क्रियाकलापों को बंद कर देने का निदेश दे सकेगा यदि वे इस अधिनियम या इसके अधीन बनाए गए नियमों या किन्हीं विनियमों के किन्हीं उपबंधों के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक हैं ।
१.(२) कोई व्यक्ति, जो उपधारा (१) के अधीन किसी आदेश का अनुपालन करने में साशय या जानबूझकर असफल रहता है, अपराध का दोषी होगा और दोषसिध्दि पर २.(ऐसी शास्ति के लिए दायी होगा, जो पच्चीस लाख रुपए तक हो सकेगी।))
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१. २००९ के अधिनियम सं. १० की धारा ३३ द्वारा प्रतिस्थापित ।
२. जन विश्वास (संशोधन) अधिनियम २०२३ (२०२३ का १८) की धारा २ और अनुसूची द्वारा (कारावास का, जिसकी अवधि दो वर्ष से अधिक की नहीं होगी या एक लाख रूपए से अनधिक के जर्माने काया दोनों का दायी होगा ।) शब्दों के स्थान पर प्रतिस्थापित।

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