IT Act 2000 धारा ८१क : १.(अधिनियम का इलैक्ट्रानिक चैक और संक्षेपित चैक को लागू होना :

सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम २०००
धारा ८१क :
१.(अधिनियम का इलैक्ट्रानिक चैक और संक्षेपित चैक को लागू होना :
(१) इस अधिनियम के वे तत्समय प्रवृत्त उपबंध इलैक्ट्रानिक चैकों और संक्षेपित चैकों को या उनके संबंध में ऐसे उपांतरणों और संशोधनों के अधीन रहते हुए लागू होंगे जो परक्राम्य लिखत अधिनियम, १८८१(१८८१ का २६) के प्रयोजनों को कार्यान्वित करने के लिए आवश्यक हो और जो केन्द्रीय सरकार द्वारा भारतीय रिजर्व बैंक के परामर्श से, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, किए जाएं ।
२) उपधारा (१) के अधीन केंद्रीय सरकार द्वारा जारी प्रत्येक अधिसूचना जारी किए जाने के पश्चात्, यथाशीघ्र, संसंद् के प्रत्येक सदन के समक्ष, जब वह सत्र में हो, कुल तीस दिन की अवधि के लिए रखी जाएगी । यह अवधि एक सत्र में अथवा दो या अधिक आनुक्रमिक सत्रों में पूरी हो सकेगी । यदि उस सत्र के या पूर्वोक्त आनुक्रमिक सत्रों के ठीक बाद के सत्र के अवसान के पूर्व दोनों सदन उस अधिसूचना में कोई परिवर्तन करने के लिए सहमत हो जाएं तो तत्पश्चात वह ऐसे परिवर्तित रूप में ही प्रभावी होगी । यदि उक्त अवसान के पूर्व दोनों सदन सहमत हो जाएं कि वह अधिसूचना जारी नहीं कि जानी चाहिए तो तत्पश्चात् वह निष्प्रभाव हो जाएगी ।किन्तु अधिसूचना के ऐसे परिवर्तित या निष्प्रभाव होने से उसके अधीन पहले की गई किसी बात की विधिमान्यता पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पडेगा ।
स्पष्टीकरण :
इस अधिनियम के प्रयोजनों के लिए, इलैक्ट्रानिक चैक और संक्षेपित चैक पदों के वही अर्थ हैं जो परक्राम्य लिखत अधिनियम, १८८१ (१८८१ का २६ ) की धारा ६ में है ।)
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१. २००२ के अधिनियम सं. ५५ की धारा १३ द्वारा प्रतिस्थापित ।

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