सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम २०००
धारा ६७ग :
मध्यवर्तियों द्वारा सूचना का परिरक्षण और प्रतिधारण :
१) मध्यवर्ती ऐसी सूचना का, जो विनिर्दिष्ट की जाए, परिरक्षण और प्रतिधारण ऐसी अवधि के लिए और ऐसी रीति तथा रूप में करेगा जो केन्द्रीय सरकार विहित करे ।
२)ऐसा कोई मध्यवर्ती, जो साशय या जानबूझकर उपधारा (१) के उपबंधों का उल्लंघन करता है, १.(ऐसी शास्ति के लिए दायी होगा, जो पच्चीस लाख रुपए तक हो सकेगी।)
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१. जन विश्वास (संशोधन) अधिनियम २०२३ (२०२३ का १८) की धारा २ और अनुसूची द्वारा (कारावास, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, दंडनीय होगा और जुर्माने का भी दायी होगा ।) शब्दों के स्थान पर प्रतिस्थापित।