IT Act 2000 धारा ३५ : प्रमाणकर्ता प्राधिकारी द्वारा १.(इलैक्ट्रानिक चिन्हक) प्रमाणपत्र जारी किया जाना :

सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम २०००
अध्याय ७ :
१.(इलैक्ट्रानिक चिन्हक) प्रमाणपत्र :
धारा ३५ :
प्रमाणकर्ता प्राधिकारी द्वारा १.(इलैक्ट्रानिक चिन्हक) प्रमाणपत्र जारी किया जाना :
१) कोई भी व्यक्ति, १(इलैक्ट्रानिक चिन्हक) प्रमाणपत्र जारी करने के लिए प्रमाणकर्ता प्राधिकारी को ऐसे प्ररूप में आवेदन कर सकेगा, जो केन्द्रीय सरकार द्वारा विहित किया जाए।
२) ऐसे प्रत्येक आवेदन के साथ प्रमाणकर्ता प्राधिकारी को संदेय की जाने वाली पच्चीस हजार रूपए से अनधिक उतनी फीस संलग्न होगी, जो केन्द्रीय सरकार द्वारा विहित की जाए :
परंन्तु उपधारा (२) के अधीन फीस विहित करते समय, आवेदकों के विभिन्न वर्गो के लिए विभिन्न फीसें विहित की जा सकेंगी ।
३) ऐसे प्रत्येक आवेदन के साथ प्रमाणन पध्दति विवरण संलग्न होगा या जहां ऐसा विवरण नहीं है, वहां ऐसी विशिष्टियों वाला विवरण संलग्न होगा, जो विनियमों द्वारा विनिर्दिष्ट किया जाए ।
४)उपधारा (१)के अधीन आवेदन प्राप्त होने पर, प्रमाणकर्ता प्राधिकारी, उपधारा (३) के अधीन प्रमाणन पध्दति विवरण या अन्य विवरण पर विचार करने और ऐसी जांच करने के पश्चात्, जो वह ठीक समझे, अंकीय चिन्हक प्रमाणपत्र मंजूर कर सकेगा या आवेदन को, उन कारणों से जो लेखबध्द किए जाएंगे, नामंजूर कर सकेगा:
२.(***)
३.(परन्तु) कोई भी आवेदन तब तक नामंजूर नहीं किया जाएगा जब तक कि आवेदक को प्रस्तावित नामंजूरी के विरूध्द कारण दर्शित करने के लिए उचित अवसर न दे दिया गया हो ।
———–
१. २००९ के अधिनियम सं. १० की धारा २ द्वारा प्रतिस्थापित ।
२. २००९ के अधिनियम सं. १० की धारा १७ द्वारा लोप किया गया ।
३. २००९ के अधिनियम सं. १० की धारा १७ द्वारा प्रतिस्थापित ।

Leave a Reply