IT Act 2000 धारा ३४ : प्रकटीकरण :

सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम २०००
धारा ३४ :
प्रकटीकरण :
१)प्रत्येक प्रमाणकर्ता प्राधिकारी, विनियमों द्वारा विनिर्दिष्ट रीति से,-
(a)क) अपने १.(इलैक्ट्रानिक चिन्हक) प्रमाणपत्र को प्रकट करेगा, २.(***)
(b)ख) उससे सुसंगत कोई प्रमाणन पध्दति विवरण प्रकट करेगा;
(c)ग) उसके प्रमाणकर्ता प्राधिकारी प्रमाणपत्र, यदि कोई हो, के प्रतिसंहरण या निलंबन की सूचना प्रकट करेगा और
(d)घ) ऐसा कोई अन्य तथ्य प्रकट करेगा, जो किसी १.(इलैक्ट्रानिक चिन्हक) प्रमाणपत्र की, जिसे उस प्राधिकारी ने जारी किया है, विश्वसनीयता को या उस प्राधिकारी की अपनी सेवाओं को निष्पादित करने की योग्यता को, तात्विक और प्रतिकूल रूप से प्रभावित करता है ।
२)जहां प्रमाणकर्ता प्राधिकारी की राय में कोई घटना हुई है या ऐसी कोई परिस्थिति उत्पन्न हुई है जिससे उसकी कंप्यूटर प्रणाली की अखंडता या ऐसी शर्तों पर, जिनके अध्यधीन उसका १.(इलैक्ट्रानिक चिन्हक) प्रमाणपत्र अनुदत्त किया गया था, प्रतिकूल प्रभाव पडता है, तब प्रमाणकर्ता प्राधिकारी-
(a)क) ऐसे प्रत्येक व्यक्ति को, जिसके उससे प्रभावित होने की संभावना है, अधिसूचित करने के लिए युक्तियुक्त प्रयास करेगा; या
(b)ख) ऐसी घटना या अवस्थिति से निपटने के लिए प्रमाणन पध्दति विवरण में विनिर्दिष्ट प्रक्रिया के अनुसार कार्य करेगा ।
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१. २००९ के अधिनियम सं. १० की धारा २ द्वारा प्रतिस्थापित ।
२. २००९ के अधिनियम सं. १० की धारा १६ द्वारा लोप किया गया ।

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