IT Act 2000 धारा २५ : अनुज्ञप्ति का निलंबन :

सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम २०००
धारा २५ :
अनुज्ञप्ति का निलंबन :
(१) नियंत्रक, यदि उसका ऐसी जांच करने के पश्चात्, जिसे वह ठीक समझे, यह समाधान हो जाता है कि प्रमाणकर्ता प्राधिकारी,-
(a)क)ने अनुज्ञप्ति जारी करने या उसके नवीकरण के लिए आवेदन में या उसके संबंध में ऐसा कोई कथन किया है जो तात्विक विशिष्टियों के बारे में गलत है या मिथ्या है;
(b)ख) उन निबंधनों और शर्तो का, जिनके अध्यधीन अनुज्ञप्ति अनुदत्त की गई थी, पालन करने में असफल रहा है;
(c)२.(ग) धारा ३० में विनिर्दिष्ट प्रक्रियाओं और मानकों को बनाए रखने में असफल रहा है;)
(d)घ) ने इस अधिनियम, उसके अधीन बनाए गए नियमों या विनियमों या किए गए आदेश के किन्हीं उपबंधों का उल्लंघन किया है,
तो अनुज्ञप्ति को प्रतिसंहृत कर सकेगा:
परन्तु कोई भी अनुज्ञप्ति तब तक प्रतिसंहृत नहीं की जाएगी जब तक कि प्रमाणकर्ता प्राधिकारी को प्रस्तावित प्रतिसंहरण के विरूध्द कारण दर्शित करने का युक्तियुक्त अवसर न दे दिया गया हो ।
२) नियंत्रक, यदि उसके पास यह विश्वास करने का युक्तियुक्त हेतुक है कि उपधारा (१) के अधीन अनुज्ञप्ति को प्रतिसंहृत करने के लिए कोई आधार है, आदेश द्वारा, उसके द्वारा आदेशित किसी जांच के पूरा होने तक ऐसी अनुज्ञप्ति को निलंबित कर सकेगा:
परन्तु कोई भी अनुज्ञप्ति दस दिन से अनधिक की अवधि के लिए तब तक निलंबित नहीं की जाएगी जब तक कि प्रमाणकर्ता प्राधिकारी को, प्रस्तावित निलम्बन के विरूध्द कारण बताने का उचित अवसर न दे दिया गया हो ।
३)ऐसी कोई प्रमाणकर्ता प्राधिकारी, जिसकी अनुज्ञप्ति निलंबित कर दी गई है, ऐसे निलंबन के दौरान कोई १.(इलैक्ट्रानिक चिन्हक) प्रमाणपत्र जारी नहीं करेगा ।
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१. २००९ के अधिनियम सं. १० की धारा २ द्वारा प्रतिस्थापित ।
२. का. आ. १०१५ (अ) तारीख १९-०९-२००२ द्वारा प्रतिस्थापित ।

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