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Ipc धारा ५०२ : मानहानिकारक विषय रखने वाले मुद्रित या उत्कीर्ण (अंकित) पदार्थ का बेचना :

भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा ५०२ :
मानहानिकारक विषय रखने वाले मुद्रित या उत्कीर्ण (अंकित) पदार्थ का बेचना :
(See section 356(4) of BNS 2023)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : क) मानहानिकारक विषय अन्तर्विष्ट रखने वाले मुद्रित या उत्कीर्ण पदार्थ का, यह जानते हुए विक्रय कि उसमें राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति या राज्य के राज्यपाल या संघ राज्यक्षेत्र के प्रशासक या मंत्री के विरुद्ध उसके लोककृत्यों के निर्वहन में उसके आचरण के बारे में ऐसा विषय अंतर्विष्ट है, जब लोक अभियोजक ने परिवादद संस्थित किया हो ।
दण्ड :दो वर्ष के लिए सादा कारावास, या जुर्माना, या दोनों ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :असंज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : वह व्यक्ति जिसकी मानहानि की गई है ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :सेशन न्यायालय ।
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अपराध : ख) किसी अन्य मामले में मानहानिकारक बात को अंतर्विष्ट रखने वाले मुद्रित या उत्कीर्ण पदार्थ का यह जानते हुए विक्रय कि उसमें ऐसा विषय अंतर्विष्ट है ।
दण्ड :दो वर्ष के लिए सादा कारावास, या जुर्माना, या दोनों ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :असंज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : वह व्यक्ति जिसकी मानहानि की गई है ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट ।
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जो कोई किसी मुद्रित या उत्र्कीर्ण पदार्थ को, जिसमें मानहानिकारक विषय अंतर्विष्ट है, यह जानते हुए, कि उसमें ऐसा विषय अंतर्विष्ट है, बेचेगा, या बेचने की प्रस्थापना करेगा, वह सादा कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।

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