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Ipc धारा ४८९ ङ : १.(करेंसी नोटों या बैंक नोटो से सदृश रखने वाली दस्तावेजों की रचना या उपयोग :

भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा ४८९ ङ :
१.(करेंसी नोटों या बैंक नोटो से सदृश रखने वाली दस्तावेजों की रचना या उपयोग :
(See section 182 of BNS 2023)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : करेंसी नोटों या बैंक नोटों से सादृश्य रखने वाली दस्तावेजों की रचना या उपयोग।
दण्ड :एक सौ रुपए का जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :असंज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :कोई मजिस्ट्रेट ।
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अपराध : मुद्रक का नाम और पता बताने से इंकार पर ।
दण्ड :एक सौ रुपए का जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :असंज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :कोई मजिस्ट्रेट ।
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१) जो कोई किसी दस्तावेज को, जो करेंसी नोट या बैंक नोट होना तात्पर्यित हो या करेंसी नोट या बैंक नोट के किसी भी प्रकार सदृश हो या इतने निकटत: सदृश हो कि प्रवंचना हो जाना प्रकल्पित हो, रचेगा या रचाएगा या किसी भी प्रयोजन के लिए उपयोग में लाएगा या किसी व्यक्ती को परिदत्त करेगा, वह जुर्माने से दण्डित किया जाएगा, जो एक सौ रुपए तक का हो सकेगा ।
२) यदि कोई जिसका नाम ऐसी दस्तावेज पर हो जिसकी रचना उपधारा (१) में अधीन अपराध है, किसी पुलिस ऑफिसर को या उस व्यक्ति का नाम और पता जिसके द्वारा वह मुद्रित की गई थी या अन्यथा रची गई थी, बताने के लिए अपेक्षित किए जाने पर उसे विधिपूर्ण प्रति हेतु के बिना बताने से इंकार करेगा, वह जुर्माने से दण्डित किया जाएगा, जो दो सौ रुपए तक का हो सकेगा ।
३) जहां कि किसी ऐसी दस्तावेज पर जिसके बारे में किसी व्यक्ती पर उपधारा (१) के अधीन अपराध का आरोप लगाया गया हो, या किसी अन्य दस्तावेज पर, जो उस दस्तावेज के संबंध में उपयोग के लाई गई हो, या वितरित की गई हो, किसी व्यक्ति का नाम हो, वहां जब तक तत्प्रतिकूल साबित न कर दिया जाए, यह उपधारणा की जा सकेगी, कि उसी व्यक्ती ने वह दस्तावेज रचवाई है ।
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१. १९४३ के अधिनियम सं० ६ की धारा २ द्वारा अन्त:स्थापित ।

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