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Ipc धारा ४८९ घ : करेंसी नोटों या बैंक नोटो की कूटरचना या कूटकरण के लिए उपकरण या सामग्री बनाना या कब्जे में रखना :

भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा ४८९ घ :
करेंसी नोटों या बैंक नोटो की कूटरचना या कूटकरण के लिए उपकरण या सामग्री बनाना या कब्जे में रखना :
(See section 181 of BNS 2023)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : करेंसी नोटों या बैंक नोटों की कूटरचना या कूटकरण के लिए मशीनरी, उपकरण या सामग्री बनाना या कब्जे में रखना ।
दण्ड :आजीवन कारावास, या दस वर्ष के लिए कारावास, और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :सेशन न्यायालय ।
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जो कोई किसी मशीनरी, उपकरण या सामग्री को किसी करेंसी नोट या बँक नोट की कूटरचना या कूटकरण के लिए उपयोग में लाए जाने के प्रयोजन से, या यह जानते हुए, या विश्वास करने का कारण रखते हुए कि वह किसी करेंसी नोट या बैंक नोट की कूटरचना या कूटकरण के लिए उपयोग में लाए जाने के लिए आशयित है, बनाएगा या बनाने की प्रक्रिया के किसी भाग का संपादन करेगा या खरीदेगा, या बेचेगा, या व्ययनित करेगा, या अपने कब्जे में रखेगा, वह १.(आजीवन कारावास) से, या दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से भी दण्डित किया जाएगा ।
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१. १९५५ के अधिनियम सं० २६ की धारा ११७ और अनुसूची द्वारा आजीवन निर्वासन के स्थान पर प्रतिस्थापित ।

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