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Ipc धारा ४१६ : प्रतिरुपण द्वारा छल :

भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा ४१६ :
प्रतिरुपण द्वारा छल :
(See section 319 of BNS 2023)
कोई व्यक्ती प्रतिरुपण द्वारा छल करता है, यह तब कहा जाता है, जब वह यह अपदेश करके (बहाना करके) कि वह कोई अन्य व्यक्ती है, या एक व्यक्ती को किसी अन्य व्यक्ती के रुप में जानते हुए प्रतिस्थापित करके, या यह व्यपदिष्ट करके कि वह या कोई अन्य व्यक्ती, कोई ऐसा व्यक्ती है, जो वस्तुत: उससे या अन्य व्यक्ती से भिन्न है, छल करता है ।
स्पष्टीकरण :
यह अपराध हो जाता है चाहे वह व्यक्ती जिसका प्रतिरुपण किया गया है, वास्तविक व्यक्ती हो या काल्पनिक ।
दृष्टांत :
क) (क) उसी नाम का अमुक धनवान बैंकार है उस अपदेश द्वारा छल करता है । (क) प्रतिरुपण द्वारा छल करता है ।
ख) (ख) जिसकी मृत्यु हो चुकी है, हाने का अपदेश करने द्वारा (क) छल करता है । (क) प्रतिरुपण द्वारा छल करता है ।

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