भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा ४१४ :
चुराई हुई संपत्ति को छिपाने में सहायता करना :
(See section 317(5) of BNS 2023)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : चुराई हुई सम्पत्ति को, यह जानते हुए कि वह चुराई हुई है, छिपाने में या व्ययनित करने में सहायता करना ।
दण्ड :तीन वर्ष के लिए कारावास, या जुर्माना, या दोनो।
संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : चुराई हुई सम्पत्ति का स्वामी ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :कोई मजिस्ट्रेट ।
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जो कोई ऐसी संपत्ति को छिपाने में, या व्ययनित करने में, या इधर-उधर करने में स्वेच्छया सहायता करेगा, जिसके विषय में वह यह जानता है या यह विश्वास करने का कारण रखता है कि वह चुराई हुई संपत्ति है, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।
