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Ipc धारा ३६४ क : १.(मुक्ति-धन (फिरौति) आदि के लिए व्यपहरण (व्यक्ती को ले भागना) :

भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा ३६४ क :
१.(मुक्ति-धन (फिरौति) आदि के लिए व्यपहरण (व्यक्ती को ले भागना) :
(See section 140 of BNS 2023)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : फिरोती, आदि के लिए व्यपहरण ।
दण्ड :मृत्यु या आजीवन कारावास और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :सेशन न्यायालय ।
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जो कोई किसी व्यक्ती का व्यपहरण या अपहरण करेगा या ऐसे व्यपहरण या अपहरण के पश्चात् ऐसे व्यक्ती को निरोध में रखेगा और ऐसे व्यक्ती को मृत्यु कारित करेन या उपहति करने के लिए धमकी देगा या अपने इस आचरण से ऐसी युक्तीयुक्त आशंका पैदा करेगा कि ऐसे व्यक्ती की मृत्यु हो सकती है या उपहति की जा सकती है या कोई कार्य करने या कोई कार्य प्रविरत रहने के लिए या मुक्ति धन (फिरौति) देने के लिए सरकार या २.(किसी विदेशी राज्य या अन्तरराष्ट्रीय अन्तर सरकार संगठन या किसी अन्य व्यक्ती) को विवश करने के लिए ऐसे व्यक्ती को उपहति करेगा या मृत्यु कारित करेगा, वह मृत्यु से या आजीवन कारावास से और जुर्माने से भी दण्डित किया जाएगा ।)
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१. १९९३ के अधिनियम सं० ४२ की धारा २ द्वारा अन्त:स्थापित ।
२. १९५५ के अधिनियम सं० २४ की धारा २ द्वारा किसी अन्य व्यक्ति के स्थान पर प्रतिस्थापित ।

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