Site icon Ajinkya Innovations

Ipc धारा ३५४ क : १.(लैंगिक उत्पीडन (तंग करना) और लैंगिक उत्पीडन के लिए दण्ड :

भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा ३५४ क :
१.(लैंगिक उत्पीडन (तंग करना) और लैंगिक उत्पीडन के लिए दण्ड :
(See section 75 of BNS 2023)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : अवांछनीय शारीरिक संस्पर्श और अग्रकियाएं अथवा लैंगिक संबंधों की स्वीकृति की कोई मांग या अनुरोध करने, अश्लील साहित्य दिखाने की प्रकृति का लैंगिक उत्पीडन ।
दण्ड :कारावास, जो तीन वर्ष तक का हो सकेगा, या जुर्माना, या दोनों ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :कोई मजिस्ट्रेट ।
——–
अपराध : लैंगिक आभासी टिप्पणियां करने की प्रकृति का लैंगिक उत्पीडन ।
दण्ड :कारावास, जो एक वर्ष तक का हो सकेगा, या जुर्माना, या दोनों ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :कोई मजिस्ट्रेट ।
——–
१) ऐसा कोई निम्नलिखित कार्य, अर्थात :
एक) शारीरिक संपर्क और अग्रक्रियाएं करने, जिनमें अवांछनीय और लैंगिक संबंध बनाने संबंधी स्पष्ट प्रस्ताव अंतर्वलित हो ; या
दो) लैंगिक स्वीकृति के लिए कोई मांग या अनुरोध करने ; या
तीन) किसी स्त्री की इच्छा के विरुद्ध बलात् अश्लील साहित्य दिखाने ; या
चार) लैंगिक आभासी टिप्पणियां करने,
वाला पुरुष लैंगिक उत्पीडन (तंग करना) के अपराध का दोषी होगा ।
२) ऐसा कोई पुरुष, जो उपधारा (१) के खण्ड (एक), या खण्ड (दो) या खण्ड (तीन) में विनिर्दिष्ट अपराध करेगा, वह कठोर कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।
३) ऐसा कोई पुरुष, जो उपधारा (१) के खण्ड (चार) में विनिर्दिष्ट अपराध करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि एक वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।)
——-
१. दण्ड विधि संशोधन अधिनियम २०१३ (२०१३ का १३) धारा ७ द्वारा अन्त:स्थापित ।

Exit mobile version