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Ipc धारा ३४७ : संपत्ति उद्यापित (हासिल) करने के लिए या अवैध कार्य करने के लिए मजबूर करने के लिए सदोष परिरोध :

भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा ३४७ :
संपत्ति उद्यापित (हासिल) करने के लिए या अवैध कार्य करने के लिए मजबूर करने के लिए सदोष परिरोध :
(See section 127(7) of BNS 2023)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : सम्पत्ति उद्यापित करने के लिए या अवैध कार्य करने के लिए मजबूर करने आदि के प्रयोजन के लिए सदोष परिरोध ।
दण्ड :तीन वर्ष के लिए कारावास और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :कोई मजिस्ट्रेट ।
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जो कोई किसी व्यक्ती का सदोष परिरोध इस प्रयोजन से करेगा, कि उस परिरुद्ध व्यक्ती से, या उससे हितबद्ध किसी व्यक्ती से, कोई संपत्ति या मूल्यवान प्रतिभूति उद्यापित की जाए, अथवा उस परिरुद्ध व्यक्ती को या उससे हितबद्ध किसी व्यक्ती को कोई ऐसी अवैध बात करने के लिए, या कोई ऐसी जानकारी देने के लिए जिससे अपराध का किया जाना सूकर हो जाए, मजबूर किया जाए, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से भी दण्डित किया जाएगा ।

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