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Ipc धारा ३४० : सदोष परिरोध ( कारावास / कैद ) :

भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा ३४० :
सदोष परिरोध ( कारावास / कैद ) :
(See section 127 of BNS 2023)
जो कोई किसी व्यक्ती का इस प्रकार सदोष अवरोध करता है, कि उस व्यक्ती को निश्चित परिसीमा से परे जाने से निवारित करे, वह उस व्यक्ती का सदोष परिरोध करता है, यह कहा जाता है ।
दृष्टांत :
(क) (य) को दीवार से घिरे हुए स्थान में प्रवेश कराकर (क) उसमें ताला लगा देता है । इस प्रकार (य) दीवार की परिसीमा से परे किसी भी दिशा में नहीं जा सकता । (क) ने (य) का सदोष परिरोध किया है ।
ख) (क) एक भवन के बाहर जाने के द्वारों पर बन्दूकधारी मनुष्यों को बैठा देता है और (य) से कह देता है कि यदि (य) भवन के बाहर जाने का प्रयत्न करेगा, तो वे (य) को गोली मार देंगे । (क) ने (य) का सदोष परिरोध किया है ।

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