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Ipc धारा ३१३ : स्त्री के सम्मत्ति के बिना गर्भपात कारित करना :

भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा ३१३ :
स्त्री के सम्मत्ति के बिना गर्भपात कारित करना :
(See section 89 of BNS 2023)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : स्त्री की सम्मति के बिना गर्भपात कारित करना ।
दण्ड :आजीवन कारावास, या दस वर्ष के लिए कारावास, और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :सेशन न्यायालय ।
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जो कोई उस स्त्री के सम्मत्ति के बिना, चाहे वह स्त्री स्पन्दन-गर्भा (गर्भवती होने की दशा में जम कि भू्रण के गतिमान होने का भास हो) हो या नहीं, पूर्ववर्ती अंतिम धारा में परिभाषित अपराध करेगा, वह १.(आजीवन कारावास) से या दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सेकगी, और जुर्माने से भी दण्डित किया जाएगा ।
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१. १९५५ के अधिनियम सं० २६ की धारा ११७ और अनुसूची द्वारा आजीवन निर्वासन के स्थान पर प्रतिस्थापित ।

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