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Ipc धारा २९१ : लोक न्यूसेंस (कंटक / उपताप / व्याधा) बंद करने के व्यादेश (आदेश) के पश्चात उसका चालू रखना :

भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा २९१ :
लोक न्यूसेंस (कंटक / उपताप / व्याधा) बंद करने के व्यादेश (आदेश) के पश्चात उसका चालू रखना :
(See section 293 of BNS 2023)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : न्यूसेंस बंद करने के व्यादेश के पश्चात् उसका चालू रखाना ।
दण्ड :छह मास के लिए सादा कारावास, या जुर्माना, या दोनों।
संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :कोई मजिस्ट्रेट ।
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जो कोई किसी लोक सेवक द्वारा, जिसको किसी न्युसेंस (कंटक/उपताप/व्याधा) की पुनरावृत्ति न करने या उसे चालू न रखने के लिए व्यादेश (आदेश) प्रचालित करने का प्राधिकार हो, ऐसे व्यादिष्ट (आदेशित) किए जाने पर, किसी लोक न्यूसेंस (कंटक/उपताप/व्याधा) की पुनरावृत्ति करेगा, या उसे चालू रखेगा, वह सादा कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से , या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।

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