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Ipc धारा २८८ : किसी निर्माण को गिराने या उसकी मरम्मत करने के संबंध में उपेक्षापूर्ण (लापरवाही) आचरण :

भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा २८८ :
किसी निर्माण को गिराने या उसकी मरम्मत करने के संबंध में उपेक्षापूर्ण (लापरवाही) आचरण :
(See section 290 of BNS 2023)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : जिस निर्माण को गिराने या जिसकी मरम्मत करने का हक प्रदान करने वाला किसी व्यक्ति को अधिकार है उसके गिरने से मानव जीवन को अधिसंभाव्य संकट से बचाने का उस व्यक्ति द्वारा लोप ।
दण्ड :छह मास के लिए कारावास, या एक हजार रुपए का जुर्माना, या दोनों।
संज्ञेय या असंज्ञेय :असंज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :कोई मजिस्ट्रेट ।
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जो कोई किसी निर्माण को गिराने या उसकी मरम्मत करने में उस निर्माण की ऐसी व्यवस्था करने का, जो उस निर्माण के या उसके किसी भाग के गिरने से मानव जीवन को किसी अधिसंभाव्य संकट से बचाने के लिए पर्याप्त हो, जानते हुए या उपेक्षापूर्वक लोप करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या एक हजार रुपये तक के जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।

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