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Ipc धारा २७२ : विक्रय (बेचने) के लिए आशयित खाद्य या पेय का अपमिश्रण (मिलावट) :

भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा २७२ :
विक्रय (बेचने) के लिए आशयित खाद्य या पेय का अपमिश्रण (मिलावट) :
(See section 274 of BNS 2023)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : विक्रय के लिए आशयित खाद्य या पेय का ऐसा अपमिश्रण जिससे वह अपायकर बन जाए ।
दण्ड :छह मास के लिए कारावास, या एक हजार रुपए का जुर्माना, या दोनों।
संज्ञेय या असंज्ञेय :असंज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :कोई मजिस्ट्रेट ।
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राज्य संशोधन : उत्तरप्रदेश :
अपराध : विक्रय के लिए आशयित खाद्य या पेय का ऐसा अपमिश्रण जिससे वह अपायकर बन जाए ।
दण्ड :जुर्माना सहित या रहित आजीवन कारावास ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :सेशन न्यायालय ।
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जो कोई किसी खाने या पीने की वस्तु को इस आशय से कि वह ऐसी वस्तु के खाद्य या पेय के रुप में बेचे या यह संभाव्य जानते हुए कि वह खाद्य या पेय के रुप में बेची जाएगी, ऐसे अपमिश्रित (मिलावट) करेगा कि एसी वस्तु खाद्य या पेय के रुप में अपायकारक बन जाए, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो एक हजार रुपए तक का हो सकेगा, या दोनों से दण्डित किया जाएगा ।
राज्य संशोधन :
उत्तरप्रदेश : धाराओं २७२, २७३, २७४, २७५ और २७६ में शब्दों वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से जिसकी अवधि ६ माह तक की हो सकेगी या जुर्माने से जो एक हजार रुपए तक का हो सकेगा या दोनों से दण्डित किया जाएगा के स्थान पर अग्रलिखित प्रतिस्थापित किया जाएगा, अर्थात –
आजीवन कारावास से दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा :
परन्तु यह कि पर्याप्त कारणों से जिनका उल्लेख निर्णय में किया जाएगा, न्यायालय ऐसे कारावास का दण्डादेश अधिरोपित कर सकेगा, जो कि आजीवन कारावास से कम हो ।

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