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Ipc धारा २२९ : जूरी सदस्य या असेसर ( दाण्डिक मामलों में न्यायाधीश या मजिस्ट्रेट को सलाह देने के लिये चुना गया व्यक्ती ) का प्रतिरुपण :

भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा २२९ :
जूरी सदस्य या असेसर ( दाण्डिक मामलों में न्यायाधीश या मजिस्ट्रेट को सलाह देने के लिये चुना गया व्यक्ती ) का प्रतिरुपण :
(See section 268 of BNS 2023)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : जूरी-सदस्य या असेसर का प्रतिरुपण ।
दण्ड :दो वर्ष के लिए कारावास, या जुर्माना, या दोनों ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट ।
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जो कोई किसी मामले में प्रतिरुपण द्वारा या अन्यथा यह जानते हुए जुरी सदस्य या असेसर के रुप में तालिकांकित (निर्वाचित / चुना गया), पेनलित (जूरी के सदस्यों के नाम एक पेनल अर्थात तालिका में या कार्यालय सूची में प्रविष्ट करना ) या गृहीतशपथ साशय कराएगा या होने देगा, यह जानते हुऐ सहन करेगा कि वह इस प्रकार तालिकांकित, पेनलित या गृहीतशपथ होने का विधि द्वारा हकदार नहीं है या यह जानते हुए कि वह इस प्रकार तालिकांकित, पेनलित या गृहितशपथ विधि के प्रतिकूल हुआ है ऐसे जूरी में या ऐसे असेसर के रुप में स्वेच्छया सेवा करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।

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