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Ipc धारा १०८ क : भारत से बाहर के अपराधों का भारत में दुष्प्रेरण :

भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा १०८ क :
१.(भारत से बाहर के अपराधों का भारत में दुष्प्रेरण :
(See section 47 of BNS 2023)
वह व्यक्ती इस संहिता के अर्थ के अन्तर्गत अपराथ का दुष्प्रेरण करता है, जो २.(भारत) से बाहर और उससे परे किसी ऐसे कार्य के किए जाने का २.(भारत) में दुष्प्रेरण करता है, जो अपराध होगा, यदि २.(भारत) में किया जाए ।
दृष्टांत :
(क) २.(भारत) में (ख) को, जो गोवा में विदेशीय है, गोवा में हत्या करने के लिए उकसाता है । (क) हत्या के दुष्प्रेरण का दोषी है ।)
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१. १८८९ के अधिनियम सं० ४ की धारा ३ द्वारा जोडा गया ।
२. ब्रिटिश भारत शब्द अनुक्रमश: भारतीय स्वतंत्रता (केन्द्रीय अधिनियम तथा अध्यादेश अनुकूलन) आदेश १९४८, विधि अनुकूलन आदेश १९५० और १९५१ के अधिनियम सं० ३ को धारा ३ और अनुसूची द्वारा प्रतिस्थापित किए गए है ।

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