भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा ४३३ :
किसी दीपगृह या समुद्री चिन्ह को नष्ट करके, हटाकर या कम उपयोगी बनाकर रिष्टि :
(See section 326(d) of BNS 2023)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : किसी दीपगृह या समुद्री चिन्ह को नष्ट करने या हटाने या कम उपयोगी बनाने अथवा किसी मिथ्या प्रकाश को प्रदर्शित करने द्वारा रिष्टि ।
दण्ड :सात वर्ष के लिए कारावास, या जुर्माना, या दोनो ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट ।
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जो कोई किसी दीपगृह को, या किसी समुद्री चिन्ह के रुप में उपयोग में आने वाले अन्य प्रकाश के, या किसी समुद्री चिन्ह या बोया या अन्य चीज के, जो नौ-चालकों के लिए मार्ग प्रदर्शन करने के लिए रखी गई हो, नष्ट करने या, हटाने द्वारा अथवा कोई ऐसा कार्य करने द्वारा, जिससे कोई ऐसा दीपगृह, समुद्री चिन्ह, बोया या पूर्वोक्त जैसी अन्य चीज जो नौ-चालकों के लिए मार्ग प्रदर्शन के रुप में कम उपयोगी बन जाए, रिष्टि करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।