भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा ४२६ :
रिष्टि के लिए दण्ड :
(See section 324(2) of BNS 2023)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : रिष्टि ।
दण्ड :तीन मास के लिए कारावास, या जुर्माना, या दोनो ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :असंज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : वह व्यक्ति, जिसे हानि या नुकसान हुआ है ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :कोई मजिस्ट्रेट ।
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जो कोई रिष्टि करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि तीन मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।