भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा ३७६ घक:
१.(१६ वर्ष से कम आयु की स्त्री के साथ सामुहिक बलात्संग के लिए दण्ड :
(See section 70 of BNS 2023)
२.(अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : १६ वर्ष से कम आयु की स्त्री के साथ सामुहिक बलात्संग.
दण्ड : कठोर कारावास, किन्तु जो आजीवन कारावास , जिससे उस व्यक्ति के शेष प्राकृत जीवनकाल का कारावास अभिप्रेत होगा, तक का हो सकेगा और जुर्माना।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : सेशन न्यायालय ।)
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जहां किसी स्त्री से, जीसकी आयु १६ वर्ष से कम है, एक या अधिक व्यक्तियों द्वारा, एक समुह गठित करके या सामान्य आशय को अग्रसर करने में कार्य करते हुए बलात्संग किया जाता है, वहां उन व्यक्तियों में से प्रत्येत के बारे में यह समझा जाएगा कि उसने बलात्संग का अपराध किया है और वह ऐसी अवधि के कठोर कारावास से, जो आजीवन कारावास तक की हो सकेगी, जिससे उस व्यक्ति के शेष प्राकृत जीवनकाल के लिए कारावास अभिप्रेत होगा ,दण्डित किया जाएगा, और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा :
परन्तु ऐसा जुर्माना पीडिता के चिकित्सीय खर्चों को पूरा करने और पुनर्वास के लिए न्यायोचीत और युक्तियुक्त होगा :
परन्तु यह और कि इस उप-धारा के अधीन अधिरोपित कोई जुर्माना पीडिता को संदत्त किया जाएगा ।)
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१. दंड विधि (संशोधन) अधिनियम, २०१८ (क्र. २२ सन २०१८) की धारा ६ द्वारा अंत:स्थापित (भारत का राजपत्र, असाधारण, भाग-२, खंड १, दिनांक ११-८-२०१८) पर अंग्रेजी में प्रकाशित ।
२. दंड विधि (संशोधन) अधिनियम, २०१८ (क्र. २२ सन २०१८) की धारा २४(ग) द्वारा प्रतिस्थापित.(भारत का राजपत्र, असाधारण, भाग-२, खंड १, दिनांक ११-८-२०१८) पर अंग्रेजी में प्रकाशित ।