Ipc धारा ३७० क : दुर्व्यापार किया गया है, ऐसे व्यक्ती का शोषण :

भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा ३७० क :
१.(दुर्व्यापार किया गया है, ऐसे व्यक्ती का शोषण :
(See section 144 of BNS 2023)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : ऐसे किसी बालक का शोषण, जिसका दुर्व्यापार किया गया है ।
दण्ड :कम से कम पाँच वर्ष का कारावास, किन्तु जो सात वर्ष तक का हो सकेगा और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :सेशन न्यायालय ।
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अपराध : ऐसे किसी व्यक्ति का शोषण, जिसका दुर्व्यापार किया गया है ।
दण्ड :कम से कम तीन वर्ष का कारावास, किन्तु जो पाँच वर्ष तक का हो सकेगा और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :सेशन न्यायालय ।
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१) जो कोई यह जानते हुए या इस बात का विश्वास करने का कारण रखते हुए कि किसी अवयस्क का दुर्व्यापार किया गया है, ऐसे अवयस्क को किसी भी रीति में लैंगिक शोषण के लिए रखेगा वह कठोर कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि पाँच वर्ष से कम की नहीं होगी किन्तु जो सात वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से भी दण्डित किया जाएगा ।
२) जो कोई यह जानते हुए या इस बात को विश्वास करने का कारण रखते हुए कि किसी व्यक्ती का दुर्व्यापार किया गया है, ऐसे व्यक्ती को किसी भी रीति में लैंगिक शोषण के लिए रखेगा, वह कठोर कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि तीन वर्ष से कम की नहीं होगी किन्तु जा पाँच वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से दण्डित किया जाएगा ।)
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१. दण्ड विधि (संशोधन) २०१३ के अधिनियम सं० १३ की धारा ८ द्वारा प्रतिस्थापित ।

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