भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा २४९ :
भारतीय सिक्के का इस आशय से रुप परिवर्तित करना की वह भिन्न प्रकार के सिक्के के रुप में चल जाए :
(See section 178(5) of BNS 2023)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : इस आशय से भारतीय सिक्के का रुप परिवर्तित करना कि वह भिन्न प्रकार के सिक्के के रुप में चल जाए ।
दण्ड :सात वर्ष के लिए कारावास और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट ।
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जो कोई १.(किसी भारतीय सिक्के) पर इस आशय से कि वह सिक्का भिन्न प्रकार के सिक्के के रुप में चल जाए, कोई ऐसी क्रिया करेगा जिससे उस सिक्के का रुप परिवर्तित हो जाए, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से भी दण्डित किया जाएगा ।
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१. विधि अनुकूलन आदेश १९५० द्वारा क्वीन के किसी भी सिक्के के स्थान पर प्रतिस्थापित ।