भारतीय दण्ड संहिता १८६०
अध्याय ६ :
राज्य के विरुद्ध अपराधों के विषय में :
धारा १२१ :
भारत सरकार के विरुद्ध युद्ध करना या युद्ध करने का प्रयत्न करना या युद्ध करने का दुष्प्रेरण करना :
(See section 147 of BNS 2023)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : भारत सरकार के विरुद्ध युद्ध करना या युद्ध करने का प्रयत्न करना, या युद्ध करने का दुष्प्रेरण करना ।
दण्ड :मृत्यु या आजीवन कारावास और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :सेशन न्यायालय
जो कोई १.(भारत सरकार) के विरुद्ध युद्ध करेगा, या ऐसा युद्ध करने का प्रयत्न करेगा या ऐसा युद्ध करने का दुष्प्रेरण करेगा, वह मृत्यु या २.(आजीवन कारावास) से दण्डित किया जाएगा ३.(और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा)।
४.(दृष्टांत) :
५.(***) (क) १.(भारत सरकार) के विरुद्ध विल्पव (विद्रोह) में सम्मिलित होता है । (क) ने इस धारा के परिभाषित अपराध किया है ।
६.(***)
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१. विधि अनुकूलन आदेश १९५० द्वारा क्वीन के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
२. १९५५ के अधिनियम सं० २६ की धारा ११७ और अनुसूची द्वारा आजीवन कारावास के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
३. १९२१ के अधिनियम सं० १६ की धारा २ द्वारा और उनकी समस्त संपत्ति समपऱ्हत कर लेगा के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
४. १९५७ के अधिनियम सं० ३६ की धारा ३ और अनुसूची २ द्वारा दृष्टांत के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
५. १९५७ के अधिनियम सं० ३६ की धारा ३ और अनुसूची २ द्वारा (क) कोष्टकों और अक्षर का लोप किया गया।
६. विधि अनुकूलन आदेश १९५० द्वारा दृष्टांत (ख) का लोप किया गया ।