भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी में अध्याय २३ धारा ५११
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी में:
अध्याय २३ : अपराधों को करने के प्रयत्नों के विषय में :
धारा ५११ : आजीवन कारावास या अन्य कारावास से दण्डनीय अपराधों को करने के प्रयत्न करने के लिए दण्ड :
अपराध का वर्गीकरण :
दण्ड :आजीवन कारावास या उस दिर्घतम अवधि के आधे से अधिक न होनेवाला कारावास जो उस अपराध के लिए उपबंधित है, या जुर्माना , या दोनों ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :इसके अनुसार कि वह अपराध संज्ञेय है या असंज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :इसके अनुसार कि वह अपराध जिसका अपराधी द्वारा प्रयत्न किया गया है जमानतीय है या नहीं ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :वह न्यायालय जिसके द्वारा कि प्रयतित अपराध विचारणीय है ।
जो कोई इस संहिता द्वारा आजीवन कारावास से या कारावास से दण्डनीय अपराध करने का, या ऐसा अपराध कारित किए जाने का प्रयत्न करेगा, और ऐसे प्रयत्न में अपराध करने की दशा में कोई कार्य करेगा, जहां कि ऐसे प्रयत्न के दण्ड के लिए कोई अभिव्यक्त उपबंध इस संहिता द्वारा नहीं किया गया है, वहां वह उस अपराध के लिए उपबंधित किसी भांति के कारावास से उस अवधि के लिए, जो, यथास्थिति, आजीवन कारावास से आधे तक की या उस अपराध के लिए उपबंधित दीर्घतम अवधि के आधे तक की हो सकेगी, या ऐसे जुर्माने से, जो उस अपराध के लिए उपबंधित है, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।
धारा ५११ : आजीवन कारावास या अन्य कारावास से दण्डनीय अपराधों को करने के प्रयत्न करने के लिए दण्ड :
अपराध का वर्गीकरण :
दण्ड :आजीवन कारावास या उस दिर्घतम अवधि के आधे से अधिक न होनेवाला कारावास जो उस अपराध के लिए उपबंधित है, या जुर्माना , या दोनों ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :इसके अनुसार कि वह अपराध संज्ञेय है या असंज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :इसके अनुसार कि वह अपराध जिसका अपराधी द्वारा प्रयत्न किया गया है जमानतीय है या नहीं ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :वह न्यायालय जिसके द्वारा कि प्रयतित अपराध विचारणीय है ।
जो कोई इस संहिता द्वारा आजीवन कारावास से या कारावास से दण्डनीय अपराध करने का, या ऐसा अपराध कारित किए जाने का प्रयत्न करेगा, और ऐसे प्रयत्न में अपराध करने की दशा में कोई कार्य करेगा, जहां कि ऐसे प्रयत्न के दण्ड के लिए कोई अभिव्यक्त उपबंध इस संहिता द्वारा नहीं किया गया है, वहां वह उस अपराध के लिए उपबंधित किसी भांति के कारावास से उस अवधि के लिए, जो, यथास्थिति, आजीवन कारावास से आधे तक की या उस अपराध के लिए उपबंधित दीर्घतम अवधि के आधे तक की हो सकेगी, या ऐसे जुर्माने से, जो उस अपराध के लिए उपबंधित है, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।
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