अनुच्छेद २४० : कुछ संघ राज्यक्षेत्रों के लिए विनियम..
भारत का संविधान :
अनुच्छेद २४० :
कुछ संघ राज्यक्षेत्रों के लिए विनियम बनाने की राष्ट्रपति की शक्ति ।
१)राष्ट्रपति -
क) अंदमान और निकोबार द्वीप ;
१.((ख)लक्षद्वीप ;)
२.((ग) दादरा और नागर हवेली;)
३.((घ) दमण और दीव;)
४.(ड) ५(पुड्डचेरी);्)
६.( * * * *)
७.( * * * *)
संघ राज्यक्षेत्र की शांति, प्रगति और सुशासन के लिए विनियम बना सकेगा :
८.(परंतु जब ९.(१०.(११.(१२.(५.(पुडुचेरी) संघ राज्यक्षेत्र )) १३.(*))) के लिए विधान-मंडल के रूप में कार्य करने के लिए अनुच्छेद २३९क के अधीन किसी निकाय का सृजन किया जाता है तब राष्ट्रपति विधान-मंडल के प्रथम अधिवेशन के लिए नियत तारीख से उस संघ राज्यक्षेत्र की शांति, प्रगति और सुशासन के लिए विनियम नहीं बनाएगा :)
१४.(परंतु यह और कि जब कभी १०.(११.(१२.(५.(पुडुचेरी)) १३.(*))) संघ राज्यक्षेत्र के विधान-मंडल के रूप में कार्य करने वाले निकाय का विघटन कर दिया जाता है या उस निकाय का ऐसे विधान-मंडल के रूप में कार्यकरण, अनुच्छेद २३९क के खंड (१) में निर्दिष्ट विधि के अधीन की-गई-कार्रवाई के कारण निलंबित रहता है तब राष्ट्रपति ऐसे विघटन या निलंबन की अवधि के दौरान उस संघ राज्यक्षेत्र की शांति, प्रगति और सुशासन के लिए विनियम बना सकेगा ।)
२) इस प्रकार बनाया गया कोई विनियम संसद् द्वारा बनाए गए किसी अधिनियम या १५.(किसी अन्य विधि) का, जो उस संघ राज्यक्षेत्र को तत्समय लागू है, निरसन या संशोधन कर सकेगा और राष्ट्रपति द्वारा प्रख्यापित किए जाने पर उसकार वही बल और प्रभाव होगा जो संसद् के किसी ऐसे अधिनियम का है जो उस राज्यक्षेत्र को लागू होता है ।
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१.लक्कादीव, मिनिकोय और अमीनदीवी द्वीप (नाम परिवर्तन) अधिनियम, १९७३ (१९७३ का ३४) की धारा ४ द्वारा (१-११-१९७३ से )प्रविष्टि (ख) के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
२.संविधान (दसवां संशोधन ) अधिनियम,१९६१ की धारा ३ द्वारा अंत:स्थापित ।
३. गोवा, दमण और दीव पुनर्गठन अधिनियम,१९८७ (१९८७ का १८ ) की धारा ६३ द्वारा प्रविष्टि (घ) के स्थान पर प्रतिस्थापित । संविधान (बारहवां संशोधन) अधिनियम, १९६२ की धारा ३ द्वारा प्रविष्टि (घ) अंत:स्थापित की गई थी।
४.संविधान( चौदहवां संशोधन) अधिनियम, १९६२ की धारा ५ और धारा ७ द्वारा (१६-८-१९६२ से) अंत:स्थापित ।
५.पांडिचेरी (नाम परिवर्तन) अधिनियम, २००६ (२००६ का ४४) की धारा ४ द्वारा (१-१०-२००६ से) पांडिचेरी के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
६.मिजोरम राज्य अधिनियम, १९८६ (१९८६ का ३४) की धारा ३९ द्वारा (२०-२-१९८७ से ) मिजोरम संबंधी प्रविष्टि (च) का लोप किया गया ।
७.अरूणाचल प्रदेश अधिनियम, १९८६ (१९८६ का ६९) की धारा ४२ द्वारा (२०-२-१९८७ से )अरूणाचल प्रदेश संबंधी प्रविष्टि (छ) का लोप किया गया ।
८.संविधान( चौदहवां संशोधन) अधिनियम, १९६२ की धारा ५ द्वारा अंत:स्थापित ।
९.संविधान( सत्ताइसवां संशोधन) अधिनियम, १९७१ की धारा ४ द्वारा (१५-२-१९७२ से) गोवा, दमण और दीव या पांडिचेरी संघ राज्यक्षेत्र शब्दों के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
१०.गोवा,दमण और दीव पुनर्गठन अधिनियम, १९८७ (१९८७ का १८) की धारा ६३ द्वारा (३०-५-१९८७ से) गोवा,दमण और दीव या पांडिचेरी शब्दों के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
गोवा, दमण और दीव या पांडिचेरी शब्दों के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
११.संविधान (सैतीसवां संशोधन) अधिनियम, १९७५ की धारा ३ द्वारा पांडिचेरी या मिजोरम के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
१२.अरूणाचल प्रदेश राज्य अधिनियम, १९८६ (१९८६ का ६९) की धारा ४२ द्वारा (२०-२-१९८७ से ) पांडिचेरी या अरूणाचल प्रदेश के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
१३.मिजोरम राज्य अधिनियम, १९८६ (१९८६ का ३४) की धारा ३९ द्वारा (२०-२-१९८७ से )मिजोरम शब्द का लोप किया गया ।
१४.संविधान( सत्ताइसवां संशोधन) अधिनियम, १९७१ की धारा ४ द्वारा (१५-२-१९७२ से ) अंत:स्थापित ।
१५.संविधान (सत्ताइसवां संशोधन) अधिनियम, १९७१ की धारा ४ द्वारा (१५-२-१९७२ से ) किसी विद्यमान विधि शब्दों के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
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