Site icon Ajinkya Innovations

Hma 1955 धारा १३क : १.(विवाह-विच्छेद की कार्यवाहियों में प्रत्यर्थी को वैकल्पिक अनुतोष :

हिन्दू विवाह अधिनियम १९५५
धारा १३क :
१.(विवाह-विच्छेद की कार्यवाहियों में प्रत्यर्थी को वैकल्पिक अनुतोष :
इस अधिनियम के अधीन किसी कार्यवाही में विवाह-विच्छेद की डिक्री द्वारा विवाह के विघटन के लिए अर्जी पर, उस दशा को छोडक़र जिसमें अर्जी धारा १३ को उपधारा (१) के खण्ड (दो), (चार) और (सात) में वर्णित आधारों पर है, यदि न्यायालय मामले की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए यह न्यायसंगत समझता है तो, वह विवाह-विच्छेद की डिक्री के बजाय न्यायिक पृथक्करण के लिए डिक्री पारित कर सकेगा।)
———
१. १९७६ के अधिनियम सं० ६८ की धारा ८ द्वारा अंत:स्थापित ।

Exit mobile version