हिन्दू विवाह अधिनियम १९५५
धारा २१ग :
१.(दस्तावेजी साक्ष्य :
किसी अधिनियमिति में किसी प्रतिकूल बात के होते हुए भी यह है कि इस अधिनियम के अधीन अर्जी के विचारण को किसी कार्यवाही में कोई दस्तावेज साक्ष्य में इस आधार पर अग्राह्य नहीं होगी कि वह सम्यक् रुप से स्टाम्पित या रजिस्ट्रीकृत नहीं है ।)
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१. १९७६ के अधिनियम सं० ६८ की धारा १४ द्वार अन्त:स्थापित ।