खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम २००६
धारा ७८ :
विनिर्माता, आदि को पक्षकार बनाने की न्यायालय की शक्ति :
जहां न्यायालय का, इस अधिनियम के अधीन किसी ऐसे अपराध के विचारण के दौरान, जो अभिकथित रूप से किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा किया गया है, जो किसी खाद्य पदार्थ का आयातकर्ता, विनिर्माता, वितरक या व्यौहारी नहीं है, किसी समय, उसके समक्ष दिए गए साक्ष्य के आधार पर यह समाधान हो जाता है कि ऐसा आयातकर्ता, विनिर्माता, वितरक या व्यौहारी का भी उस अपराध से संबंध है वहां वह न्यायालय, दंड प्रक्रिया संहिता, १९७३ (१९७४ का २) की धारा ३१९ की उपधारा (३) या इस अधिनियम की धारा ७१ में किसी बात के होते हुए भी, उसके विरुद्ध इस प्रकार कार्यवाही करेगा, जैसे कि इस अधिनियम के अधीन कोई अभियोजन संस्थित किया गया हो।
