Site icon Ajinkya Innovations

Fssai धारा ६६ : कंपनी द्वारा अपराध :

खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम २००६
धारा ६६ :
कंपनी द्वारा अपराध :
१) जहां इस अधिनियम के अधीन दंडनीय कोई अपराध, किसी कंपनी द्वारा किया गया है, वहां ऐसा प्रत्येक व्यक्ति, जो उस अपराध के किए जाने के समय उस कंपनी के कारबार के संचालन के लिए उस कंपनी का भारसाधक और उसके प्रति उत्तरदायी था और साथ ही वह कंपनी भी, ऐसे अपराध के दोषी समझे जाएंगे और तद्नुसार अपने विरुद्ध कार्यवाही किए जाने और दंडित किए जाने के भागी होंगे :
परंतु जहां किसी कंपनी के भिन्न-भिन्न स्थापन या शाखाएं हैं या किसी स्थापन या शाखा में भिन्न-भिन्न यूनिटें हैं वहां संबद्ध प्रमुख या कंपनी द्वारा खाद्य सुरक्षा के लिए उत्तरदायी व्यक्ति के रूप में नामनिर्देशित ऐसे स्थापन या शाखा या यूनिट का भारसाधक व्यक्ति ऐसे स्थापन, शाखा या यूनिट की बाबत उल्लंघन के लिए दायी होगा :
परन्तु यह और कि इस उपधारा की कोई बात किसी ऐसे व्यक्ति को इस अधिनियम में उपबंधित दंड का भागी नहीं बनाएगी यदि वह यह साबित कर देता है कि अपराध उसकी जानकारी के बिना किया गया था या उसने ऐसे अपराध के किए जाने के निवारण करने के लिए सब सम्यक् तत्परता बरती थी।
२) उपधारा (१) में किसी बात के होते हुए भी, जहां इस अधिनियम के अधीन दंडनीय कोई अपराध, किसी कंपनी द्वारा किया गया है और यह साबित हो जाता है कि वह अपराध कंपनी के किसी निदेशक, प्रबंधक, सचिव या अन्य अधिकारी की सहमति या मौनानुकूलता से किया गया है या उस अपराध का किया जाना उसकी किसी उपेक्षा के कारण माना जा सकता है, वहां ऐसा निदेशक, प्रबंधक, सचिव या अन्य अधिकारी भी उस अपराध का दोषी समझा जाएगा और तद्नुसार अपने विरुद्ध कार्यवाही किए जाने और दंडित किए जाने का भागी होगा।
स्पष्टीकरण :
इस धारा के प्रयोजनों के लिए,-
(a) क) कंपनी से कोई निगमित निकाय अभिप्रेत है और इसके अन्तर्गत फर्म या व्यष्टियों का अन्य संगम भी है; और
(b) ख) फर्म के संबंध में, निदेशक से उस फर्म का भागीदार अभिप्रेत है।

Exit mobile version