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Fssai धारा ४८ : अपराधों से संबंधित साधारण उपबंध :

खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम २००६
अध्याय ९ :
अपराध और शास्तियां :
धारा ४८ :
अपराधों से संबंधित साधारण उपबंध :
१) कोई व्यक्ति किसी खाद्य वस्तु को इस जानकारी के साथ कि वह मानव उपभोग के लिए विक्रय की जा सकेगी या विक्रय के लिए प्रस्थापित की जा सकेगी या वितारित की जा सकेगी, निम्नलिखित संक्रियाओं में से किसी एक या अधिक संक्रिया द्वारा स्वास्थ्य के लिए हानिकार बनाता है, अर्थात् :-
(a) क) खाद्य में कोई वस्तु या पदार्थ मिलाकर;
(b) ख) खाद्य की तैयारी में किसी अवयव के रूप में किसी वस्तु या पदार्थ का उपयोग करके;
(c) ग) खाद्य से किसी संघटक को निकालकर; या
(d) घ) खाद्य के साथ कोई अन्य प्रक्रिया या उपचार करके ।
२) इस बारे में अवधारण करने में कि क्या कोई खाद्य असुरक्षित या स्वास्थ्य के लिए हानिकर है, निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखा जाएगा –
(a) क) एक) उपभोक्ताओं द्वारा खाद्य के उपयोग की सामान्य दशाएं और उसके उत्पादन, प्रसंस्करण और वितरण के प्रत्येक प्रक्रम पर रखरखाव;
दो) उपभोक्ताओं की दी गई जानकारी जिसके अतंर्गत लेबल पर जानकारी भी सम्मिलित है या किसी विशिष्ट खाद्य या खाद्य के किसी प्रवर्ग से स्वास्थ्य पर विनिर्दिष्ट प्रतिकूल प्रभाव से बचाव के संबंध में और उसका उपभोग करने वाले व्यक्तियों के स्वास्थ्य पर ही नहीं बल्कि आने वाली पीढियों के स्वास्थ्य पर उस खाद्य के संभावित, तात्कालिक या अल्पकालिक या दीर्घकालिक प्रभावों से बचाव के संबंध में उपभोक्ताओं को साधारणतया उपलब्ध अन्य जानकारी;
तीन) संभावित संचयी विषाणु प्रभाव;
चार) जहां खाद्य उपभोक्ताओं के किसी प्रवर्ग के लिए आशयित है वहां उन उपभोक्ताओं के विनिर्दिष्ट प्रवर्ग की विशिष्ट स्वास्थ्य संवेदनशीलता पर; और
पांच) उसकी सामान्य मात्रा में उपभोग करने वाले व्यक्तियों के स्वास्थ्य पर उसी संरचना के खाद्य की संचयी प्रभाव की भी संभावना;
(b)ख) यह तथ्य कि जहां किसी वस्तु की जो प्राथमिक खाद्य है, क्वालिटी या शुद्धता विनिर्दिष्ट मानकों से नीचे गिर गई है या उसके संघटक ऐसी मात्राओं में विद्यमान हैं जो भिन्नता की विनिर्दिष्ट सीमाओं के भीतर नहीं आते और दोनों ही मामलों में प्राकृतिक कारणों से हुई है तथा मानव अभिकरण के नियंत्रण से परे है तब ऐसी वस्तु असुरक्षित या अवमानक या बाह्य वस्तु से युक्त खाद्य नहीं माना जाएगा।
स्पष्टीकरण :
इस धारा के प्रयोजनों के लिए क्षति के अंतर्गत कोई ह्रास भी है चाहे वह स्थायी हो या अस्थायी और स्वास्थ्य के लिए हानिकर का तद्नुसार अर्थ लगाया जाएगा ।

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