Fssai धारा ७५ : नियमित न्यायालयों को मामले अंतरित करने की शक्ति :

खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम २००६
धारा ७५ :
नियमित न्यायालयों को मामले अंतरित करने की शक्ति :
जहां, किसी अपराध का संज्ञान करने के पश्चात्, किसी विशेष न्यायालय की यह राय है कि वह अपराध उसके द्वारा विचारणीय नहीं है तो, वह इस बात के होते हुए भी कि उसे ऐसे अपराध का विचारण करने की अधिकारिता नहीं है, वहां वह ऐसे अपराध के विचारण के लिए उस मामले को दंड प्रक्रिया संहिता, १९७३ (१९७४ का २) के अधीन अधिकारिता रखने वाले किसी न्यायालय को अंतरित करेगा और वह न्यायालय, जिसे मामला अंतरित किया जाता है, उस अपराध का इस प्रकार विचारण कर सकेगा, मानो उसने ही अपराध का संज्ञान किया हो।

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