Site icon Ajinkya Innovations

Constitution अनुच्छेद ३६३ : कुछ संधियों, करारों आदि से उत्पन्न विवादों में न्यायालयों के हस्तक्षेप का वर्जन ।

भारत का संविधान
अनुच्छेद ३६३ :
कुछ संधियों, करारों आदि से उत्पन्न विवादों में न्यायालयों के हस्तक्षेप का वर्जन ।
१)इस संविधान में किसी बात के होते हुए भी, किन्तु अनुच्छेद १४३ के उपबंधों के अधीन रहते हुए, उच्चतम न्यायालय या किसी अन्य न्यायालय को किसी ऐसी संधि, करार, प्रसंविदा, वचनबंध, सनद या वैसी ही अन्य लिखत के किसी उपबंध से, जो इस संविधान के प्रारंभ से पहले किसी देशी राज्य के शासक द्वारा की गई थी या निष्पादित की गई थी और जिसमें भारत डोमिनियन की सरकार या उसकी पूर्ववर्ती कोई सरकार एक पक्षकार थी और जो ऐसे प्रारंभ के पश्चात् प्रवर्तन में है या प्रवर्तन में बनी रही है, उत्पन्न किसी विवाद में या ऐसी संधि, करार, प्रसंविदा, वचनबंध, सनद या वैसी ही अन्य लिखत से संबंधित इस संविधान के किसी उपबंध के अधीन प्रोद्भूत किसी अधिकार या उससे उद्भूत किसी दायित्व या बाध्यता के संबंध में किसी विवाद में अधिकारिता नहीं होगी ।
२)इस अनुच्छेद में –
क) देशी राज्य से ऐसा राज्यक्षेत्र अभिप्रेत है जिसे हिज मजेस्टी से या भारत डोमिनियन की सरकार से इस संविधान के प्रारंभ से पहले ऐसे राज्य के रूप में मान्यता प्राप्त थी; और
ख) शासक के अंतर्गत ऐसा राजा, प्रमुख या अन्य व्यक्ति है जिसे हिज मजेस्टी से या भारत डोमिनियन की सरकार से ऐसे प्रारंभ से पहले किसी देशी राज्य के शासक के रूप में मान्यता प्राप्त थी ।

Exit mobile version