Site icon Ajinkya Innovations

Constitution अनुच्छेद ३५ : इस भाग के उपबंधों को प्रभावी करने के लिए विधान ।

भारत का संविधान
अनुच्छेद ३५ :
इस भाग के उपबंधों को प्रभावी करने के लिए विधान ।
इस संविधान में किसी बात के होते हुए भी, –
क) संसद् को शक्ति होगी और किसी राज्य के विधान- मंडल को शक्ति नहीं होगी कि वह –
एक) जिन विषयों के लिए अनुच्छेद १६ के खंड (३), अनुच्छेद ३२ के खंड (३), अनुच्छेद ३३ और अनुच्छेद ३४ के अधीन संसद् विधि द्वारा उपबंध कर सकेगी उनमें से किसी के लिए, और
दो) ऐसे कार्यों के लिए, जो इस भाग के अधीन अपराध घोषित किए गए हैं, दंड विहित करने के लिए , विधि बनाए और संसद् इस संविधान के प्रारंभ के पश्चात् यथाशक्य शीघ्र ऐसे कार्यों के लिए, जो उपखंड (२) में निर्दिष्ट, हैं, दंड विहित करने के लिए विधि बनाएगी;
(ख) खंड (क) के उपखंड (१) में निर्दिष्ट विषयों में से किसी से संबंधित या उस खंड के उपखंड (२) में निर्दिष्ट किसी कार्य के लिए दंड का उपबंध करने वाली कोई प्रवृत्त विधि, जो भारत के राज्यक्षेत्र में इस संविधान के प्रारंभ से ठीक पहले प्रवृत्त थी, उसके निबंधनों के और ्रअनुच्छेद ३७२ के अधीन उसमें किए गए किन्हीं अनुकलनों और उपांतरणों के अधीन रहते हुए तब तक प्रवृत्त रहेगी जब तक उसका संसद् द्वारा परिवर्तन या निरसन या संशोधन नहीं कर दिया जाता है ।
स्पष्टीकरण :
इस अनुच्छेद में, प्रवृत्त विधि पद का वही अर्थ है जो अनुच्छेद ३७२ में है ।

Exit mobile version