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Constitution अनुच्छेद ३१-ख : कुछ अधिनियमों और विनियमों का विधिमान्यकरण ।

भारत का संविधान
अनुच्छेद ३१-ख :
१.(कुछ अधिनियमों और विनियमों का विधिमान्यकरण ।
अनुच्छेद ३१ क में अंतर्विष्ट उपबंधो की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना, नौर्वी अनुसूची में विनिर्दिष्ट अधिनियमों और विनियमों में से और उनके उपबंधों में से कोई इस आधार पर शून्य या कभी शून्य हुआ नहीं समझा जाएगा कि वह अधिनियम, विनियम या उपबंध इस भाग के किन्हीं उपबंधों द्वारा प्रदत्त अधिकारों में से किसी से असंगत है या उसे छीनता है या न्यून करता है और किसी न्यायालय या अधिकरण के किसी प्रतिकूल निर्णय, डिक्री या आदेश के होते हुए भी, उक्त अधिनियमों और विनियमों में से प्रत्येक ,उसे निरसित या संशोधित करने की किसी सक्षम विधान- मंडल की शक्ति के अधीन रहते हुए, प्रवृत्त बना रहेगा ।)
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१. संविधान (पहला संशोधन) अधिनियम, १९५१ की धारा ५ द्वारा अंत:स्थापित ।

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