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Constitution अनुच्छेद २९८ : व्यापार करने आदि की शक्ति ।

भारत का संविधान
अनुच्छेद २९८ :
१.(व्यापार करने आदि की शक्ति ।
संघ की और प्रत्येक राज्य की कार्यपालिका शक्ति का विस्तार, व्यापार या कारबार करने और किसी प्रयोजन के लिए संपत्ति का अर्जन, धारण और व्ययन तथा संविदा करने पर, भी होगा :
परंतु –
क) जहां तक ऐसा व्यापार या कारबार या ऐसा प्रयोजन वह नहीं है जिसके संबंध में संसद् विधि बना सकती है वहां तक संघ की उक्त कार्यपालिका शक्ति प्रत्येक राज्य में उस राज्य के विधान के अधीन होगी ; और
ख) जहां तक ऐसा व्यापार या कारबार या ऐसा प्रयोजन वह नहीं है जिसके संबंध में राज्य का विधान-मंडल विधि बना सकता है वहां तक प्रत्येक राज्य की उक्त कार्यपालिका शक्ति संसद् के विधान के अधीन होगी )
——–
१.संविधान (सातवां संशोधन) अधिनियम १९५६ की धारा २० द्वारा अनुच्छेद २९८ के स्थान पर प्रतिस्थापित ।

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