Site icon Ajinkya Innovations

Constitution अनुच्छेद २२२ : किसी न्यायाधीश का एक उच्च न्यायालय सें दूसरे उच्च न्यायालय को अंतरण ।

भारत का संविधान
अनुच्छेद २२२ :
किसी न्यायाधीश का एक उच्च न्यायालय सें दूसरे उच्च न्यायालय को अंतरण ।
(१) राष्ट्रपति, १.(अनुच्छेद १२४क में निर्दिष्ट राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग की सिफारिश पर ) २.(***) किसी न्यायाधीश का एक उच्च न्यायालय से दूसरे उच्च न्यायालय को अंतरण कर सकेगा ।
३.((२) जब कोई न्यायाधीश इस प्रकार अंतरित किया गया है या किया जाता है तब वह उस अवधि के दौरान, जिसके दौरान वह संविधान (पंद्रहवां संशोधन) अधिनियम, १९६३ के प्रारंभ के पश्चात् दूसरे उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में सेवा करता है, अपने वेतन के अतिरिक्त ऐसा प्रतिकरात्मक भत्ता, जो संसद् विधि द्वारा अवधारित करे, और जब तक इस प्रकार अवधारित नहीं किया जाता है तब तक ऐसा प्रतिकरात्मक भत्ता, जो राष्ट्रपति आदेश द्वारा नियत करे, प्राप्त करने का हकदार होगा ।)
————–
१.संविधान (निन्यानवेवां संशोधन) अधिनियम, २०१४ की धारा ७ द्वारा (१३-४-२०१५ से ) भारत के मुख्य न्यायमूर्ति से परामर्श करने के पश्चात् शब्दों के स्थान पर प्रतिस्थापित । यह संशोधन सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स आन रिकार्ड एसोसिएशन बनाम भारत संघ वाले मामले में उच्चतम न्यायालय के तारीख १६ अक्तूबर, २०१५ के आदेश द्वारा अभिखंडित कर दिया गया है ।
२.संविधान (सातवां संशोधन) अधिनियम, १९५६ की धारा १४ द्वारा भारत के राज्यक्षेत्र में के शब्दों का लोप किया गया ।
३.संविधान (पंद्रहवां संशोधन) अधिनियम, १९६३ की धारा ५ द्वारा अंत:स्थापित । संविधान (सातवां संशोधन) अधिनियम, १९५६ की धारा १४ द्वारा मूल खंड (२) का लोप किया गया था ।

Exit mobile version