भारत का संविधान
अनुच्छेद १३४ :
दंडिक विषयों में उच्चतम न्यायालय की अपीली अधिकारिता ।
१) भारत के राज्यक्षेत्र में किसी उच्च न्यायालय की दांडिक कार्यवाही में दिए गए किसी निर्णय, अंतिम आदेश या दंडादेश की अपील उच्चतम न्यायालय में होगी यदि –
क)उस उच्च न्यायालय ने अपील में किसी अभियुक्त व्यक्ति की दोषमुक्ति के आदेश की उलट दिया है और उसको मृत्यु दंडादेश दिया है; या ख)उस उच्च न्यायालय ने अपने प्राधिकार के अधीनस्थ किसी न्यायालय से किसी मामले को विचारण के लिए अपने पास मंगा लिया है और ऐसे विचारण में अभियुक्त व्यक्ति को सिध्ददोष ठहराया है और उसको मृत्यु दंडादेश दिया है ; या
ग) वह उच्च न्यायालय १.(अनुच्छेद १३४ क के अधीन प्रमाणित कर देता है) कि मामला उच्चतम न्यायालय में अपील किए जाने योग्य है :
परन्तु उपखंड (ग) के अधीन अपील ऐसे उपबंधों के अधीन रहते हुए होगी जो अनुच्छेद १४५ के खंड (१) के अधीन इस निमित बनाए जाएं और ऐसी शर्तों के अधीन रहते हुए होगी जो उच्च न्यायालय नियत या अपेक्षित करे ।
२)संसद् विधि द्वारा उच्चतम न्यायालय को भारत के राज्यक्षेत्र में किसी उच्च न्यायालय की दांडिक कार्यवाही में दिए गए किसी निर्णय, अंतिम आदेश या दंडादेश की अपील ऐसी शर्तों और परिसीमाओं के अधीन रहते हुए, जो ऐसी विधि में विनिर्दिष्ट की जाएं, ग्रहण करने और सुनने की अतिरिक्त शक्ति दे सकेगी ।
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१.संविधान (चवालीसवां संशोधन ) अधिनियम, १९७८ की धारा १९ द्वारा (१-८-१९७९ से ) प्रमाणित करता है के स्थान पर प्रतिस्थापित ।