बालक और कुमार श्रम (प्रतिषेध और विनियमन) अधिनियम १९८६
(१९८६ का अधिनियम संख्यांक ६१)
१.(सभी उपजीविकाओं में बालकों के लगाए जाने का प्रतिषेध करने और परिसंकटमय उपजीविकाओं और प्रक्रियाओं में कुमारों के लगाए जाने का प्रतिषेध करने तथा उनसे संबंधित या उनके आनुषंगिक विषयों का उपबंध करने के लिए अधिनियम)
भारत गणराज्य के सैतीसवें वर्ष में संसद् द्वारा निम्नलिखित रुप में यह अधिनियमित हो :-
भाग १ :
प्रारंभिक :
धारा १ :
संक्षिप्त नाम, विस्तार और प्रारंभ :
१) इस अधिनियम का संक्षिप्त नाम २.(बालक और कुमार श्रम (प्रतिषेध और विनियमन) अधिनियम १९८६) है ।
२) इसका विस्तार संपूर्ण भारत पर है ।
३) इस अधिनियम के भाग ३ के उपबंधों से भिन्न उपबंध तुरन्त प्रवृत्त होंगे और भाग ३ उस ३.(तारीख) को प्रवृत्त होगा जो केन्द्र सरकार, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, नियत करे और भिन्न-भिन्न राज्यों के लिए और स्थापनों के भिन्न-भिन्न वर्गों के लिए भिन्न-भिन्न तारीखें नियत की जा सकेंगी ।
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१. २०१६ के अधिनियम सं० ३५ की धारा २ द्वारा बृहत नाम के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
२. २०१६ के अधिनियम सं० ३५ की धारा ३ द्वारा बालक श्रम (प्रतिषेध और विनियमन) अधिनियम १९८६ शब्दों के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
३. २६ मई १९९३, अधिसूचना संख्या एस. ओ. ३३३(ई), दिनांक २६ मार्च १९९३, भारत का राजपत्र, असाधारण, भाग २, धारा ३ (दो) देखे ।
