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Bsa धारा ७८ : प्रमाणित प्रतियों के असली होने के बारे में उपधारणा :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३
दस्तावेजों के बारे में उपधारणाएँ (प्रश्नगत कुछ तथ्यों की सत्यता के बारे में ) :
धारा ७८ :
प्रमाणित प्रतियों के असली होने के बारे में उपधारणा :
१) न्यायालय हर ऐसी दस्तावेज का असली होना उपधारित करेगा जो ऐसा प्रमाणपत्र, प्रमाणित प्रति या अन्य दस्तावेज होनी तात्पर्यित है, जिसका किसी विशिष्ट तथ्य के साक्ष्य के रुप में ग्राह्य होना विधि द्वारा घोषित है और जिसका केन्द्रीय सरकार या किसी राज्य सरकार के किसी ऑफिसर द्वारा सम्यक् रुप से प्रमाणित होना तात्पर्यित है :
परन्तु यह तब जबकि ऐसी दस्तावेज सारत: उस प्ररुप में हो तथा ऐसी रीति से निष्पादित हुई तात्पर्यित हो जो विधि द्वारा तन्निमित्त (उस बाबद्) निर्दिष्ट है ।
२) न्यायालय यह भी उपधारित करेगा कि कोई ऑफिसर, जिसके द्वारा ऐसी दस्तावेज का हस्ताक्षरित या प्रमाणित होना तात्पर्यित है, वह पदीय हैसियत, जिसका वह ऐसे कागज में दावा करता है, उस समय रखता था जब उसने उसे हस्ताक्षरित किया था ।

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